यूपी की राजनीति: यूपी में विधानसभा की नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव में तमाम दिग्गज नेताओं के साथ ही समाजवादी पार्टी की महिला विधायक पूजा पाल भी जमकर प्रचार कर रही हैं. हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि वह किसी भी सीट पर अखिलेश यादव के उम्मीदवारो के लिए कतई वोट नहीं मांग रही है, बल्कि वह लोगों के बीच जाकर उनसे सीएम योगी के कामों की तारीफ करती हैं. उनकी सरकार की उपलब्धियां को गिनाती हैं और फिर जनता के लिए बेहतर काम करने और माफिया व गुंडाराज का खात्मा कर कानून व्यवस्था में सुधार करने वाली पार्टी को वोट देने की अपील करती हैं. पूजा पाल वैसे तो समाजवादी पार्टी की विधायक हैं, लेकिन वह सीधे तौर पर बीजेपी का नाम लिए बिना उसके लिए ही वोट मांग रही हैं.
लोग उनके इशारों को आसानी से समझ सकें, इसलिए विधायक पूजा पाल नुक्कड़ सभाओं में भाषण बाजी करने के बजाय गांवों और गलियों में जाकर लोगों से सीधे संवाद कर रही हैं. उनका ज्यादा फोकस अपनी पाल बिरादरी के वोटरों पर ही होता है. पूजा पाल के विधायक पति राजू पाल की हत्या उनकी शादी के 8 दिन बाद ही 25 जनवरी 2005 को फिल्मी अंदाज में की गई थी. हत्या का आरोप मौत के घाट उतारे जा चुके प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. दोनों भाई इस मामले में जेल भी गए थे. पूजा पाल अपनी बिरादरी के लोगों के बीच जाकर उनसे यह भी कहती हैं कि आपके बेटे और भाई राजू पाल के मामले में जिस नेता ने इंसाफ दिलाया है, उसका साथ देना चाहिए और उसकी पार्टी के उम्मीदवार को जिताना भी चाहिए.
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यूपी के कौशांबी जिले की चायल सीट से विधायक पूजा पाल ने इसी साल फरवरी महीने में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग भी की थी. प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में प्रचार कर रही पूजा पाल ने ABP News से की गई खास बातचीत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने यूपी में माफिया और अपराधियों का गुंडाराज खत्म कर दिया है. कानून व्यवस्था बहुत बेहतर हो गई है. हर तरफ विकास हो रहा है. बहन बेटियां सुरक्षित हैं. उनके जैसीमहिलाएं अब माफियाओं की गुंडागर्दी की वजह से विधवा नहीं हो रही है. योगी सरकार काफी बेहतर काम कर रही है. उसके काम से हर कोई खुश है.
क्या है पूजा पाल का फ्यूचर प्लान?
पूजा पाल ने बातचीत में कहा कि वह सीधे तौर पर वोटरों पर अपनी राय नहीं थोपतीं, बल्कि लोगों से उनके विचार जानती हैं. मौजूदा सरकार और पहले की सरकारों के कामकाज के बारे में पूछती हैं और उसके बाद कहती हैं कि उन्हें सबसे बेहतर उम्मीदवार और अच्छा काम करने वाली व उम्मीदों पर खरी उतरने वाली पार्टी के प्रत्याशियों को ही जिताना चाहिए. तकनीकी सियासी मजबूरी चलते वह खुलकर बीजेपी का नाम तो नहीं लेती लेकिन उसके पक्ष में माहौल बनाने में कोई कोर कसर भी नहीं छोड़ती. पूजा पाल का साफ तौर पर कहना है कि दो बार विधायक रहने के बावजूद वह हमेशा डर के साए में जीती थी, लेकिन योगी सरकार ने उनके अंदर के डर को खत्म कर दिया है और अब वह खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं.
विधायक पूजा पाल का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद अगले चुनाव में उनका सियासी ठिकाना क्या होगा, इस बारे में वह वक्त आने पर ही उचित फैसला लेंगी. बहरहाल समाजवादी पार्टी की बागी महिला विधायक का चुनाव प्रचार इन दिनों सुर्खियों का सबब बना हुआ है. अब देखना यह होगा कि अपनी ही पार्टी को चारों खाने चित करने की कवायद में जुटी पूजा पाल अपने मकसद में कितना कामयाब होती हैं. वह प्रयागराज की फूलपुर के साथ ही मिर्जापुर की मझवा सीट पर भी कई दिन प्रचार कर चुकी है.